अफरातफरी: पेट्रोल टैंकर में लगी आग पर बमुश्किल पाया काबू
घर में घुसकर महिला से छेड़छाड़ और जातिसूचक शब्दों का उपयोग करने पर

पैट्रोल से भरे टैंकर में आग लगने से हड़कंप मच गया। सूचना पर त्वरित कार्यवाही करते हुए पुलिस तथा फायर ब्रिगेड की टीम ने समय रहते आग पर पाया काबू पा लिया जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। देहरादून पुलिस मीडिया सैल से मिली जानकारी के अनुसार बीते दिवस थाना प्रेमनगर को सूचना मिली कि केहरी गांव लॉ कॉलेज के पास मुख्य हाईवे पर पैट्रोल से भरे एक टैंकर में आग लग गई है।
सूचना पर पुलिस, फायर तथा ओ0एन0जी0सी0 से दमकल के वाहन तथा एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुँची तथा मुख्य हाईवे पर दोनो ओर से रूट डायवर्ट करते हुए घटनास्थल पर वाहनों का आवागमन बंद कराया गया। दमकल के वाहनों द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए टैंकर में लगी आग पर समय रहते काबू पाया गया। जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। बताया जा रहा है कि आग लगे पैट्रोल टैंकर में 14 हजार लीटर पैट्रोल भरा हुआ था। पुलिस ने बताया कि आग लगने के कारणों की जाँच की जा रही है।
वर्तमान में साईबर अपराधियों द्वारा साईबर अपराध करने का नया तरीका प्रकाश में आने पर पिथौरागढ़ पुलिस अधीक्षक रेखा यादव ने सभी से सतर्क रहने की अपील की है। बताया कि साईबर अपराधियों द्वारा आपको व्हट्सएप या अन्य माध्यमों से अपने आप को साईबर क्राइम सैल या पुलिस का अधिकारी बताकर कॉल कर आपके किसी परिचित या रिश्तेदार का किसी अभियोग में शामिल होने की बात कही जाती है और आपको डरा धमकाकर आपसे पैसों की अनुचित मांग की जाती है । उन्होंने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि ऐसे फ्रॉड काल को वैरीफाई कर लें तथा इनकी सूचना त्वरित साईबर हैल्पलाईन नम्बर 1930 या साईबर सैल को दें ।
घर में घुसकर महिला से छेड़छाड़ और जातिसूचक शब्दों का उपयोग करने पर एक ग्रामीण को न्यायालय ने पांच वर्ष के कठोर कारावास और पचास हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष जिला शासकीय अधिवक्ता प्रमोद कुमार पंत से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते बीते पांच वर्ष पूर्व अप्रैल माह में पिथौरागढ़ के दुर्लेख गांव निवासी दीवान सिंह ने अनुसूचित जाति की महिला के घर में घुसकर महिला से छेड़छाड़ की और जातिसूचक शब्दों के प्रयोग करने पर राजस्व पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
विवेचना के बाद मामला जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में चला। जिला एवं सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने सभी पक्षों को सुनने के बाद दीवान सिंह को दोषी पाते हुए पांच वर्ष के कठोर कारावास और दस हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा नहीं करने पर उसे एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियुक्त द्वारा जुर्माने की धनराशि जमा करने पर 30 हजार रुपये की धनराशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में दी जाएगी। आरोपी को तीन.तीन अलग धाराओं में दंडित किया गया है।
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