अलौकिक पल: हजारों श्रद्धालु बने इस आस्था पल के गवाह
धार्मिक अनुष्ठानों के साथ शीतकाल के लिए बंद हुए श्री हेमकुण्ड साहिब के कपाट

चमोली – पूर्ण विधि विधान एवं अंतिम अरदास के साथ सेना के बैंड की मधुर धुन व पंच प्यारों की अगुवाई में शीतकाल के लिए बंद हो गए। श्री हेमकुण्ड साहिब के कपाट बीते दिवस बंद हो गए। समुद्र तल से करीब 14,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित उच्च हिमालयी सिख आस्था के प्रमुख तीर्थ श्री हेमकुण्ड साहिब के कपाट बीते दो दिवस पूर्व शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए है।

प्रात: 10 बजे सुखमणि साहिब पाठ के साथ ही श्री हेमकुण्ड साहिब के कपाट बन्द करने की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई। जिसके पश्चात गुरु वाणी, शबद कीर्तन, साल की अंतिम अरदास तथा हुक्मनामा पढ़ने के पश्चात आखिरी में पंच प्यारों और सेना के इंजीनियर कोर की बैंड की अगुवाई में श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी को सर्च खंड में सुशोभित किया। इसके उपरान्त दोपहर ठीक एक बजे शीतकाल के लिए श्री हेमकुंड साहिब के कपाट बन्द किए गए। इस अवसर पर लगभग 2500 से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने की इस अलौकिक क्षण के गवाह बने।

पुलिस द्वारा पवित्र निशान साहिब एवं कपाट बंद होने के अवसर पर मौजूद सभी य़ात्रियों को सकुशल गोविन्दघाट लाया गया। गौरतलब है कि इस वर्ष बीते 20 मई को शुरू हुई श्री हेमुकण्ड साहिब की यात्रा में 01 लाख 80 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने श्री हेमकुण्ड साहिब के दर्शन किये। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस अधीक्षक चमोली रेखा यादव की अगुवाई में चमोली पुलिस एवं एसडीआरएफ द्वारा बर्फबारी, कड़कती ठंड, बारिश एवं आपदा के समय विपरीत परिस्थिति में मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी करते हुए श्री हेमुकण्ड साहिब की यात्रा पर आये श्रद्धालुओं की यात्रा को सरल एवं सुगम बनाया गया। जिसको लेकर समस्त श्रद्धालुओं सहित अन्य लोगों ने पुलिस के प्रयासों की काफी सराहना की है।
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