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उत्पीडऩ से परेशान हुई विवाहिता ने अपनी तीन वर्षीय पुत्री के साथ की थी आत्महत्या

विवाहिता को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले पति और जेठ को कठोर कारावास व अर्थदंड की सजा

बीते चार वर्ष पूर्व उत्पीडऩ से परेशान हुई एक विवाहिता ने अपनी तीन वर्षीय पुत्री के साथ आत्महत्या करने के मामले में जिला सत्र न्यायाधीश ने विवाहिता को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले पति और जेठ को पांच वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार रु पए के अर्थदंड से दंडित किया है। विवाहिता ने पति और जेठ के उत्पीडऩ से परेशान होकर पहले अपनी तीन वर्षीय पुत्री की हत्या कर पेड़ में रस्सी के सहारे गले में फंदा डाल कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी थी।

 

अभियोजन पक्ष के मुताबिक विवाहिता के पिता दुर्गा सिंह ने एसडीएम डीडीहाट को एक तहरीर देकर बताया था कि उसकी पुत्री भागीरथी देवी का बीते 16 अप्रैल 2014 को विवाह कुशल सिंह खड़ायत निवासी उड़मा, डीडीहाट के साथ हुआ था। उसकी पुत्री की एक साढ़े तीन साल की पुत्री थी। उसे सूचना मिली कि बीते 09 जुलाई 2020 से उसकी पुत्री और नातिनी गायब हैं। तहरीर में बताया गया था कि उसकी पुत्री भागीरथी को उसका पति कुशल सिंह खड़ायत, जेठ जीवन सिंह खड़ायत और सास पार्वती देवी हमेशा प्रताडि़त और गाली गलौच करते हैं । लापता होने के बाद उसकी पुत्री और नातिनी का शव जंगल में मिला है ।

 

विवाहिता के पिता ने बताया कि इन लोगो की प्रताड़ना से उसकी पुत्री ने द्वारा अंतिम कदम उठाया गया, या फिर पति, जेठ और सास द्वारा उसे व उसकी पुत्री को मारा गया है। तहरीर के आधार पर मामले में मृतका के पति कुशल सिंह खड़ायत पुत्र दान सिंह और जेठ जीवन सिंह पुत्र दान सिंह के खिलाफ भादवि धारा 306, 498 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचना के बाद मामले की सुनवाई जिला सत्र न्यायालय में चली ।

 

अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए शासकीय अधिवक्ता प्रमोद पंत और जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रेम भंडारी ने पैरवी करते हुए मामले से संबंधित गवाह पेश किए गए। जिला सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने कुशल सिंह खड़ायत और जीवन सिंह खड़ायत को दोषसिद्ध करते हुए भादवि धारा 306 के तहत पांच – पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा और 50 हजार के जुर्माने से दंडित किया। जुर्माना अदा न करने पर दो वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी । धारा 498 के तहत भी तीन वर्ष की सजा और 25- 25 हजार का जुर्माने की सजा सुनाई।

 

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