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गोबर के दीए और प्राकृतिक तैयार धूप की हो रही काफी मांग

कार्यशाला : टेडमार्क, पेटेंट और कापीराइट, बाल साहित्यकार शौर्य को एक और राष्ट्रीय पुरस्कार

पिथौरागढ़ के मानस कालेज आफ साईंस टैक्नालाजी एंड मैनेजमेंट परिसर में संस्थान के चेयरमैन डा. अशोक कुमार पंत की उपस्थिति में आइपीआर सैल के अंतर्गत बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में यू कास्ट देहरादून के डा. हिमांशु गोयल, वैज्ञानिक बी द्वारा मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रतिभागियों को बौद्धिक संपदा अधिकार संबंधित विषयों नवीना विचारों, रचनात्मकता, और बौद्धिक संपदा के आस-पास के कानूनी पहलुओं की सुरक्षा जैसे महत्पूर्ण विषयों के साथ ही टेडमार्क, पेटेंट और कापीराइट आदि को लेकर विस्तार से जानकारी दी। इससे पूर्व कार्यशाला का शुभारंभ एसटीएसटीएम के ओर से आइपीआर सैल कार्डिनेटर प्रो. हिमांशु पुनेठा द्वारा करते हुए आभार व्यक्त किया गया। कार्यशाला में समस्त छात्र- छात्राओं व प्रवक्ताओं द्वारा किया गया। कार्यशाला के समापन अवसर पर संस्थान के निदेशक व एचओडी अंशु पंत ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

 

 

पिथौरागढ : बीते लंबे समय से नित नए – नए प्रदेश सहित राष्ट्रीय स्तरीय सम्मान से सम्मानित होते आ रहे उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार ललित शौर्य को एक और राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया हैं। जिसको लेकर सीमांत जनपद में खुशी की लहर है। राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होने को लेकर जनपदवासियों ने ललित शौर्य को शुभकामनाए दी हैं। बाल साहित्यकार ललित शौर्य के गृह जनपद पहुंचने पर उनके आवास पर पहुंचकर बधाई देने वालों का क्रम जारी है। राजस्थान के भीलवाड़ा में बाल वाटिका द्वारा आयोजित रजत जयंती समारोह में विनायक विद्यापीठ के सभागार में ललित शौर्य को मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक विकास दवे, महंत मोहन शरण शास्त्री, संपादक बाल वाटिका भैरुंलाल गर्ग, संपादक राष्ट्र किंकर डां विनोद बब्बर, डां हरिपाल सिंह, उदय किरौला द्वारा संयुक्त रूप से श्रीफल, शॉल, स्मृति चिह्न, प्रमाण पत्र एवं पच्चीस हजार रुपये का चैक भेंट कर दिया गया। गौरतलब है कि वैभव कालरा स्मृति राष्ट्रीय युवा बाल साहित्यकार सम्मान प्राप्त करने वाले ललित उत्तराखंड के पहले बाल साहित्यकार हैं। कार्यक्रम में वक्ताओं ने ललित शौर्य के बाल साहित्य में समग्र योगदान की चर्चा की। राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह में ललित के मोबाईल नहीं, पुस्तक दो अभियान को साहित्यकारों ने खूब सराहा। ललित यह अभियान बीते पांच वर्षों से अनवरत चलाते आ रहे हैं। उन्होंने इस अभियान के तहत अब तक विभिन्न माध्यमों से बाल साहित्य की 25 हजार से अधिक पुस्तकें निःशुल्क रूप से बाल पाठकों तक पहुंचाने का काम किया है। इनकी रचनाएं देश एवं विदेश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो रही हैं। इनकी रचनाओं का अनुवाद तेलगु, कन्नड़, मलयालम, गुजराती, मराठी, उर्दू, पंजाबी, अंग्रेजी, उड़िया, कुमाउनी, गढ़वाली, समेत अनेक भारतीय भाषाओं एवं बोलियों में हो चुका है।

 

 

पिथौरागढ़ में पूर्व सैनिक संगठन द्वारा रोजगार पर प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग करने को लेकर किए जा रहे प्रयासों के तहत विद्यालयों के बच्चों सहित स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिसके तहत पूर्व सैनिक संगठन के सदस्यों द्वारा गाय के गोबर, दिए और प्राकृतिक धूप तैयार की जानकारी दी जा रही है, जिसको लेकर संगठन के प्रयासों की काफी सराहना होने के साथ बाजार में दीए और धूप की मांग भी बढ़ती जा रही है। पूर्व संगठन के उपाध्यक्ष मयूख भटृ की अगुवाई में आईकॉन इंटरनेशनल स्कूल, बिण में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सैनिकों द्वारा बच्चों को अपनी जमीन और प्रकृति से जोड़ते हुए प्राकृतिक दिए बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान उपाध्यक्ष भट्ट ने कहा कि इस तरह के आयोजन से बच्चे जहां अपनी संस्कृति से जुड़े रहते हैं। इस अवसर पर स्कूल प्रबंधक गिरीश पाठक तथा स्टाफ द्वारा संगठन का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर पूर्व सैनिक बलवंत सिंह, विक्रम सिंह, कैप्टन उमेश फुलेरा, धर्म सिंह, देवी दत्त, ललित फुलेरा, जीत सिंह, शेर सिंह, श्याम विश्वकर्मा सहित कई पूर्व सैनिक मौजूद थे।

 

 

 

 

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