चेतावनी : मांग पूरी न होने पर सरकार को भुगतने होंगे गंभीर परिणाम
आगामी एक अक्टूबर दिल्ली में प्रदर्शन

पिथौरागढ़- पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन एनएमओपीएस के बैनर तले जिले के सैकडों कर्मचारी और शिक्षक आगामी 01 अक्टूबर को दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे। आंदोलन को सफल बनाने के लिए आज जिला मुख्यालय में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें विस्तार से चर्चा की गई।
इस दौरान पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन एनएमओपीएस के जिलाध्यक्ष बिजेंद्र लुंठी की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि दिल्ली में होने वाली रैली में प्रत्येक विकास खंड से कम से कम 50 शिक्षक कर्मचारियों द्वारा हिस्सा लिया जाएगा। जिला मुख्यालय में स्थापित प्रत्येक विभाग से भी एक वाहन का जाना अनिवार्य होगा।
राजकीय शिक्षक संघ के जिला मंत्री प्रवीण रावल ने कहा पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर अब सभी कर्मचारी और शिक्षक मुखर होने लगे है।। जिले के प्रत्येक विद्यालय से दो शिक्षक रैली में हिस्सा लेंगे। कर्मचारी परिषद के जिला महामंत्री प्रदीप भट्ट ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों की पेंशन बंद कर उनके बुढ़ापे की लाठी छीन ली है। कहा कि अपना पूरा जीवन सरकारी सेवा को अर्पित करने के बाद आज जो भी कर्मचारी या शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे है, उन्हें नाममात्र की पेंशन मिल रही है। वही दूसरी तरफ चुनाव जीतकर मात्र शपथ ग्रहण करने के बाद एक सांसद और विधायक पुरानी पेंशन का हकदार बन जाता है। कहा कि एक देश में दो विधान कतई स्वीकार योग्य नहीं है।
प्राथमिक शिक्षक संघ के कनालीछीना विकास खंड के अध्यक्ष पंकज तिवारी ने कहा कि बीते 10 वर्षो से इस मांग को शांतिपूर्ण तरीके से उठाते हुए कार्मिकों का सब्र अब जवाब देने लगा है। कहा कि दिल्ली में होने वाली रैली में सभी विकास खंडों के कर्मचारियों और शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया जाएगा। अब पेंशन बहाली का आंदोलन जन आंदोलन बन गया है। इसलिए अब कार्मिको के परिजन भी सीधे तौर पर प्रतिभाग करेंगे। कहा कि विगत दिनों पांच राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल होने के बाद से उत्तराखंड में भी नई ऊर्जा का संचार हुआ है। सभी एक स्वर में सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे है।
इसी क्रम में अब तक सम्पूर्ण भारत में एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो रथयात्रा एव सांसद आवास पर घण्टी बजाओ कार्यक्रम का सफल आयोजन हो चुका है। अब दिल्ली में आगामी एक अक्टूबर 2023 को दिल्ली चलो पेंशन शंखनाद महारैली में सभी शिक्षकों और कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया जाएगा। कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी एक सूत्रीय मांग पर विचार नही होता है तो आगामी लोक सभा चुनाव में सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। बैठक में वंदना भट्ट, किरण ऐरी, चित्रा रावत, आरपी जोशी, कैलाश पटियाल, पुष्पेश पंत, हिमांशु जोशी, धीरज ओझा, अनिल लड़वाल, भोपाल भट्ट, लक्ष्मण खाती, हेमा बिष्ट, बहादुर सिंह, मनोज सिंह, जगदीश उपाध्याय, लक्ष्मण खाती, कुमुद कुमार पांडेय, पुष्पेश पाठक सहित दर्जनों कर्मी मौजूद थे।
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