पहाड़ी क्षेत्र के बच्चों में सीखने की प्रवृत्ति उत्साहजनक है : अखिलेख
युवाओं से तकनीकी शिक्षा अपनाने की अपील

पिथौरागढ़ – तकनीकी ज्ञान के अभाव के चलते पहाड़ी क्षेत्रों के बच्चों को उचित अवसर नही मिल पा रहे हैं, जबकि पहाड़ी क्षेत्र के बच्चों में सीखने की प्रवृत्ति उत्साहजनक है। यह बात नन्ही परी सीमांत इंजीनियरिंग कालेज के डीन इंजीनियर अखिलेख सिंह ने कहते हुए यहां सीमान्त जनपद पिथौरागढ के नौजवानों से तकनीकी शिक्षा अपनाने की अपील की है।
उन्होंने बताया कि सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज में विभिन्न संकायों के माध्यमों से बीते वर्षाे में सैकड़ों बच्चों को रोजगार प्राप्त हुए हैं। आगामी 15 सितंबर तक कालेज के विभिन्न संकायों में प्रवेश दिए जा रहे हैं। उन्होंने तकनीकी शिक्षा की जानकारी को सीमान्त जनपद पिथौरागढ के घर घर तक पहुंचाने के लक्ष्य बात कहते हुए इस संस्थान में उपलब्ध तकनीकी शिक्षा का लाभ लेने की अपील की युवाओं से की है।
गौरतलब है कि इंजीनियर अखिलेश सिंह सीमान्त क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा को बढ़ाने के लिए बीते 12 वर्षों से लगातार प्रयास कर रहे हैं। वह ग्रामीण क्षेत्रों में अपने कुछ सहयोगियों के साथ भ्रमण कर तकनीकी शिक्षा के प्रचार प्रसार को लेकर भी सक्रिय भागीदारी करते आ रहे हैं। जिसको लेकर सीमांत के लोगों ने उनके प्रयासों की सराहना की है।
इन्हीं प्रयासों के चलते तकनीकी विश्वविद्यालय के कैम्पस संस्थान नन्हीं परी सीमान्त इन्जिनारिंग संस्थान पिथौरागढ के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष एवं डीन एकेडेमिक अखिलेश सिंह को शिक्षक दिवस पर उत्तराखण्ड राज्य के तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर ओमकार सिंह द्वारा शिक्षक दिवस पर सर्वाेच्च शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अजीत सिंह, डा. सीएमएस नेगी सहित कई लोगों ने अखिलेख सिंह के प्रयासों की सराहना की है।
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