पिथौरागढ़ : गंभीर रूप से घायल हुए पूर्व कमांडेंट को लकड़ी के स्ट्रेचर से आठ किमी. पैदल चलकर लाए ग्रामीण
.दो मुख्यमंत्रियों की घोषणा के बाद भी नहीं बना झूला पुल, ग्रामीण परेशान

दीवार से गिर कर गंभीर रूप घायल हुए रेलवे पुलिस के सेवानिवृत्त्त कमांडेंट को धौली नदी पर स्वीकृत झूला पुल नहीं बनने पर आठ किलोमीटर दूर सड़क तक लकड़ी के स्टेचर से पहुंचाना पड़ा। रेलवे पुलिस के पूर्व कमांडेंट नैन सिंह 62 वर्ष निवासी फिलम दारमा बुधवार को पूजा के लिए अपने गांव गए थे। इस दौरान वह दीवार से दस फीट नीचे गिर गए और गंभीर रूप से घायल हो गए।
धौली नदी पर पुल नहीं होने से उन्हें आठ किमी. दूर दुग्तू तक ले जाने के लिए लकड़ी का स्ट्रेचर बनाया गया। स्ट्रेचर से उच्च हिमालय में फिलम गो से आठ किमी दूर पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने तीन घंटे की मशक्कत के बाद दारमा सड़क पर स्थित दुग्तू तक पहुंचाया, जहां से फिर 75 किमी दूर धारचूला तक वाहन से पहुंचने के बाद सीएचसी में प्राथमिक उपचार मिला । ग्रामीणों ने बताया कि धौली नदी पर फिलम, गो के पास झूला पुल बनाने की घोषणा एक नहीं दो मुख्यमंत्रियो पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा की गई है।
दो मुख्यमंत्रियों की घोषणाओं के बाद पुल निर्माण तो दूर रहा निर्माण के लिए प्रारंभिक औपचारिकताएं तक नहीं हो पायी है। जिसे लेकर ग्रामीणों ने कहा कि मुख्यमंत्रियों की घोषणा कोरी साबित हो रही है विभागीय उदासीनता के चलते क्षेत्रवासियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गर्भवती महिलाओं सहित बुजुर्ग, बच्चों के बीमार होने पर उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाने में ग्रामीणों को दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि यदि धौली नदी पर पुल बना होता तो ग्रामीण पुल पार कर दारमा सड़क पर पहुंचते । जिसे देखते हुए ग्रामीणों ने सरकार से आपातकालीन स्थिति के लिए हैलीकॉप्टर सेवा की मांग की है। घायल को स्ट्रेचर से आठ किमी दूर लाने वालों में कलम सिंह, संतोष सिह, धु्रव लाल, धन सिंह, राजेंद्र सिंह, सुशील सिह, आशीष सिंह, धीरेंद्र सिंह, इंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, सुंदर सिंह, पुष्कर, अमर, जनक, धरम, जीत, प्रकाश आदि ग्रामीण शामिल थे।
हमसे जुड़ें और अपडेट्स पाएं!
सबसे नए समाचार और अपडेट्स पाने के लिए जुड़े रहें।