पिथौरागढ़ : जलस्रोतों में तीस प्रतिशत की गिरावट गंभीर मामला : विधायक चुफाल
जल संरक्षण और संर्वद्धन को लेकर कार्य आवश्यक रूप से कार्य करने की आवश्यकता

पहली बार ऊंचाई वाले जल स्रोतों में तीस प्रतिशत की कमी गंभीर मामला है, इसको लेकर पहाड़ में पूर्व की भॉति चाल खाल योजना चलानी आवश्यक है। यह बात डीडीहाट विधायक एवं पूर्व पेयजल मंत्री विशन सिंह चुफाल ने जल संरक्षण एवं जल संवद्धन मामले पर आयोजित एक बैठक के दौरान कही। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।
बैठक में विधायक चुफाल ने कहा कि पलायन के चलते गांव खाली हो चुके हैं और कृषि का रकबा सिमटा जा रहा है । पूर्व में पर्याप्त पानी होने से रोपाई खेती होती थी। गर्मियों में भी पहाड़ के खेतों में लगभग एक फीट तक नमी रहती थी। अब बंजर हो चुके खेतों में एक मीटर गहराई तक भी पानी नहीं रह गया। कहा कि सरकार द्वारा जल संरक्षण और संर्वद्धन के लिए योजनाएं चलाई गई है। उन्होंने वन, सिंचाई, विकास खंड अधिकारियो से चाल खाल की तर्ज पर बनने वाले ताल और सरोवरों के लिए उचित स्थल का चयन आवश्यक बताया। कहा कि अब गधेरों, नदियों के पास चाल खाल बनाए जा रहे है जिनसे जल संरक्षण और संर्वद्धन संभव नहीं है।
उन्होंने उद्यान, कृषि अधिकारियों से कहा कि जगली जानवरों से गेहू, धान की फसल प्रभावित है परंतु अदरक, जड़ी बूटी, हल्दी जैसी फसल उगाई जा सकती है। खेतों तक पानी पहुंचेगा तो जल संर्वद्धन होगा। कहा कि जंगली और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चलखाल होने से पालतू और जंगली जानवर भी अपनी प्यास बुझाते थे। बैठक के दौरान विधायक चुफाल ने अधिकारियों से सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का क्षेत्र की स्थिति के अनुसार उपयोग करने की बात कही।
बैठक उन्होंने संबंधित अधिकारियों से अतीत की तरह चाल खाल वाली प्रक्रिया को प्रारंभ करने के लिए सरकारी योजनाओं का प्रयोग करने की सलाह दी । इस मौके पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष कोमल मेहता और भाजपा नेता महिमन कन्याल सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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