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पिथौरागढ़ : न्यौली गायन के साथ हुई सम्मेलन की शुरूआत

स्मृति चिह्न व प्रमाण पत्र देकर अतिथियों को किया गया सम्मानित

पिथौरागढ़ के जिला अस्पताल में आयोजित कुमाउंनी भाषा सम्मेलन के दूसरे दिवस व तृतीय सत्र की शुरुआत इजा बा संस्कार कुटीर सिलौनिया ने न्यौली गीत की प्रस्तुति से हुई। बतौर मुख्य अतिथि पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष राजेंद्र रावत की उपस्थिति में स्वरांजलि नृत्य वाटिका के कलाकारों ने सुंदर लोकनृत्य प्रस्तुत किया।

 

वक्ता दिनेश भट्ट ने लोक भाषा संरक्षण में सरकार की भूमिका विषय पर अपना वक्तव्य दिया। चतुर्थ सत्र में कुमाउंनी व नेपाली के आपसी संबंध विषय पर वक्तव्य के बाद खुली परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसके बाद सम्मेलन में प्रतिभाग करने वाले सभी अतिथियों, साहित्यकारों, कलाकारों व स्वयंसेवकों को स्मृति चिह्न व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। सायंकाल सांस्कृतिक संध्या के बाद आयोजक आदलि कुशलि की संपादक डा. सरस्वती कोहली ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया।

 

इस अवसर पर कार्यक्रम में पूर्व सैन्य अधिकारी लेखक नरेंद्र चंद, गीता पंत, डा. किशोर पंत, उमा पांडे, हेम पंत, डा. आशा जोशी, महेश पुनेठा, दीपा जोशी, रेखा जोशी आदि उपस्थित थे। आयोजन समिति के मीडिया प्रभारी डा. नीरज चंद्र जोशी ने बताया कि प्रातः सम्मेलन में प्रतिभाग करने पहुंचे अतिथियों द्वारा नगर भ्रमण किया व उल्का देवी मंदिर पहुंचकर सोर की कुलदेवी उल्का का आशीर्वाद प्राप्त किया। निकटवर्ती चंडाक मार्ग के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हुए भ्रमण करते हुए सभी ने गंगनाथ तथा वरदानी देवी के देवालय में पूजा अर्चना की।

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