पिथौरागढ़: फैल रही आग पर पाया राजस्व टीम ने काबू
नन्ही कलम द्वारा आयोजित संविधान निर्माण कार्यशाला का समापन हो गया

पिथौरागढ़ के देवलथल क्षेत्र के चौपाता के जंगल में लगी भीषण आग पर राजस्व टीम द्वारा ग्रामीणों की मदद से मशक्कतों के बाद आग पर काबू पा लिया। जिससे वन संपदा को खासा नुकसान होने से बच गया। आज गुरूवार शाम चौपाता के जंगल में आग लगने की सूचना पर कानूनगो प्रकाश कापड़ी की अगुवाई में राजस्व उप निरीक्षक प्रवीण कुमार व दिनेश जोशी सहित स्थानीय ग्रामीण हीरा सिंह व निर्मल सिंह ने मशक्कतों के बाद आग पर काबू पाया। जिससे आग फैलने से बच गई।
पिथौरागढ़ के अटल उत्कृष्ट टीएसबी राजकीय इंटर कॉलेज देवलथल में बीते सप्ताह से नन्ही कलम द्वारा विद्यालय के सहयोग से आयोजित संविधान निर्माण कार्यशाला का समापन हो गया। संवैधानिक मूल्यों को समझते हुए उसे नागरिक बोध का हिस्सा बनाने के उद्देश्य से आयोजित हो रही इस कार्यशाला में कक्षा आठ, नौ एवं दस के 50 से अधिक छात्र.छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला में विभिन्न गतिविधियों के ज़रिए छात्र.छात्राओं को संविधान निर्माण के उद्देश्यों, जटिलताओं एवम बारीकियों से रूबरू करवाया गया। साथ ही क़ानून निर्माण एवं उसके पीछे अंतर्निहित प्रक्रियाओं को समझने की कोशिश की गयी।
कार्यशाला के ज़रिए प्रतिभागियों में संवैधानिक मूल्यों की समझदारी एवं नागरिक बोध विकसित करने का प्रयास किया गया। इसके अलावा उन्हें भारतीय संविधान के निर्माण की अभूतपूर्व प्रक्रिया से भी रोचक तरीक़ों से परिचित करवाया गया। छात्र.छात्राओं को सरल लेकिन रोमांचक गतिविधियों के जरिये संविधान निर्माण की प्रक्रिया और बारीकियों से रूबरू करवाया गया। इस गतिविधि में उन्हें एक काल्पनिक स्थिति दी गई थी जिसके आधार पर छात्र-छात्राओं को शांतिपूर्ण सह अस्तित्व के लिए नियमों का निर्माण करना था। छात्र छात्राओं को गतिविधि के लिए आठ समूहों में बाँटा गया। समूह में नियम क़ानून बनाने की ज़रूरत और प्रक्रिया को समझने के बाद छात्र.छात्राओं ने अपने अपने बिंदुओं को सभी के सम्मुख प्रस्तुत किया। प्रस्तुतीकरण के दौरान छात्र.छात्राओं के बीच इन बिंदुओं पर व्यापक चर्चा करवाई गयी और संसदीय प्रक्रिया से रूबरू करवाया गया।
कार्यशाला में निर्मित हर समूह को आपसी संवाद, परिचर्चा से नियमों के बनने की प्रक्रिया, मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों और संसाधनों के बंटवारे के बारे में विस्तृत नियमों का निर्माण करना तय हुआ और इसे सभी के सामने प्रस्तुत करना था। प्रत्येक बिंदु पर चर्चा.बहस के बाद एक सर्वमान्य नियमों का सेट बनाया जाना तय हुआ। अंत में आपस में बातचीत व वाद.विवाद के ज़रिए सभी ने स्व.निर्मित प्रावधानों को पेश किया एवं अन्य समूहों द्वारा जाहिर जिज्ञासाएं व प्रश्नों का भी उचित उत्तर दिया। कार्यशाला संयोजन में मुख्य भूमिका निभा रहे दीपक ने बताया कि गतिविधि के दौरान काल्पनिक स्थिति में जिस तरह का समाज इन छात्र.छात्राओं को दिया गया था वो भी वर्तमान समाज की तरह भाषाई.लैंगिक.धार्मिक.पेशेगत आदि विविध आधारों पर विविधता लिए हुए था।
ऐसे में नियम बनाने को लेकर छात्रों के बीच लम्बी चर्चा और सवाल जवाबों का सिलसिला जारी रहा। इस चर्चा के दौरान समानता के अधिकार समेत अनेक नागरिक अधिकारों और कर्तव्यों पर चर्चा हुई। कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए नन्हीं कलम के आशीष ने बताया कि नागरिक शास्त्र की पुस्तकों में बहुत से ऐसे पाठ शामिल होते हैं जो नागरिक अधिकारों के बारे में जानकारी देते हैं और ऐसी गतिविधियाँ उन पाठों एवं अवधारणाओं को दैनिक ज़िंदगी से जोड़ने का कार्य करती हैं। विद्यालय के प्रधानाचार्य केएस धामी ने कहा की यह गतिविधियां लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की महत्ता समझने में सहायक है और बच्चों के पाठ्यक्रम की विषयवस्तु को साकार कर देती है। ऐसी गतिविधि के आयोजन के लिए उन्होंने नन्ही कलम का आभार जताया। समापन अवसर पर बच्चों को भारतीय संविधान की प्रस्तावना भी हिंदी एवं अंग्रेज़ी में भेंट की गयी। इस अवसर पर विद्यालय परिवार के समस्त अध्यापक एवम अध्यापिकाएं उपस्थित रहे।
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