पिथौरागढ़ : हजारों की आबादी, पर उपचार के लिए घंटों का सफर
बंगापानी तहसील में एक भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं

सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के बंगापानी तहसील क्षेत्र की जनता को प्राथमिक चिकित्सा के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा तक नहीं उपलब्ध है। दो आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के सहारे तहसील की जनता का उपचार होता है। उपचार के लिए 80 से लेकर 115 किमी. दूर जिला अस्पताल आना पड़ता है।
तहसील मुख्यालय बंगापानी सहित आसपास के 30 से अधिक गांवों के ग्रामीण सबसे अधिक प्रभावित हैं। इसी तहसील में दूरस्थ कनार, भटभटा, मेतली जैसे गांव भी हैं जहां से गंभीर रोगी को 8 से 16 किमी दूर से पैदल मार्ग से सड़क तक डोली से लाना पड़ता है। तीस गांवों की 10 हजार की आबादी के लिए तीन आयुर्वेदिक अस्पताल हैं। जिसमें तहसील मुख्यालय से लगभग 04 किमी दूर मवानी दवानी गांव तहसील मुख्यालय से 11 किमी दूर बरम में आयुर्वेदिक अस्पताल है।
तहसील मुख्यालय से 15 किमी दूर मुनस्यारी तहसील के मदकोट में पीएचसी और 25 किमी दूर जौलजीबी में पीएचसी हैं, जहां पर भी समुचित उपचार की व्यवस्था नहीं है। इन अस्पतालों पर तहसील की मवानी दवानी, बंगापानी, माणीधामी, धामीगांव, मदरमा, आलम दारमा, मेतली, कनार, देवलेख, जाराजिबली, सेरा, टांगा, सिरतोला, पत्थरकोट, गोल्फा, बौना, सेरा शिलिंग, मेतली, सेलमाली, दाखिम जैसे तीन दर्जन गांवों की जनता प्राथमिक उपचार के लिए निर्भर है।
मवानी दवानी की ग्राम प्रधान मुन्नी देवी, भाजपा नेता भगत सिंह मेहरा सहित अन्य ग्रामीण मवानी दवानी आयुर्वेदिक अस्पताल को ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने की मांग कर रहे हैं। पर अभी तक मांग को लेकर कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि तहसील मुख्यालय में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनने से पूरी तहसील क्षेत्र की जनता को लाभ मिलेगा।
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