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पिथौरागढ़: हर- हर महादेव की गूंज से गुंजायमान रहा कस्बा, निकली शोभायात्रा

,विशेष पूजा- अर्चना के साथ शिव महापुराण का शुभारंभ

आज सावन माह के पहले सोमवार से थल के प्राचीन बालेश्वर मंदिर में शिव महापुराण कथा का शुभारंभ हो गया है। आज प्रातः शिव महापुराण पवित्र ग्रंथ को यजमान विनोद पंत ने सिर पर धारण कर ढोल नगाड़ों के साथ स्कूली बच्चों और मातृ शक्ति ने पारंपरिक परिधानों में भव्य कलश यात्रा निकाली। बालेश्वर मंदिर से निकली कलश यात्रा पूरे बाजार में शोभा यात्रा के साथ जयघोष करते हुए आयोजन स्थल पहुंची।

 

मांगलिक कार्यक्रम में शंख ध्वनि के बीच पूर्वांग कर्म, नित्य कर्म, मूल पाठ संपन्न किया गया। दोपहर कथा का शुभारंभ हुआ। कथा वाचक आचार्य नीरज उपाध्याय ने शिव महापुराण की महत्ता बताई। उन्होंने कहा शिव की अनुपम, अदभुत दिव्य कलाओं का बखान करना ही शिव महापुराण है। कहा कि शिव पुराण को 18 महापुराण में सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। इसमें 24 हजार श्लोक और आठ संहिताएं में विद्येश्वर, रुद्र, शत रुद्र, कोटि रुद्र, उमा, कैलाश और वायवीय संहिता को भोग और मोक्ष दोनों की प्राप्ति बताया। कथा प्रवचन के बाद आरती, भजन और प्रसाद वितरण किया गया।

 

इस मौके पर शिव महापुराण आयोजन समिति के अध्यक्ष दिनेश चन्द्र पाठक, वरिष्ठ ब्यापारी दान सिंह बिष्ट, भूपेंद्र पांगती, कृष्ण गोपाल पंत, महेश पाठक, सीमा बिष्ट, गौरव दीप बर्मा, शलिम अहमद, सुनील सत्याल, व्यापार मण्डल अध्यक्ष बबलू सामन्त, खड़क सिंह बोरा, प्रमोद उपाध्याय, मनोज गोस्वामी, राजेश पंचपाल, जगदीश पाठक, अमन मेहता, प्रमोद खड़ायत, प्रियांशु जोशी, उमंग जोशी, भाष्कर भट्ट, हिम्मत सिंह रावत, भूपेंद्र जंनगपांगी, मंटू गुरंग, कोशतुबा नंद जोशी, राजू, सुरेश जोशी, महेंद्र जंगपांगी सहित कई श्रद्धालु मौजूद थे।

 

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