बृजेश के गोल्ड पंच पर सीमांत के चेहरों में गोल्डन खुशी
सीमांतवासियों ने मुक्केबाज को प्रेषित की शुभकामनाएं

पिथौरागढ़ : सीमांत जनपद पिथौरागढ़ निवासी ब्रिजेश के गोल्ड पंच जड़ने से यहां जनपवासियों के चेहरों में गोल्डन खुशी व्याप्त है। गोल्डन खुशी देने को लेकर सीमांतवासियों ने मुक्केबाज ब्रजेश को शुभकामनाएं देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में आयोजित हुई जूनियर एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में सीमांत पिथौरागढ़ जनपद के ब्रिजेश टम्टा ने पहला स्वर्ण पदक जीत जनपद सहित देश का नाम रोशन किया है। ब्रिजेश ने 46 किलोग्राम भार वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए पहला मुकाबला किर्गिस्तान के साथ लड़ा और क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने फिलीपींस के बॉक्सर को 5.0 से हराया। सेमीफाइनल में उन्होंने कजाकिस्तान को 4.0 के अंतर से हराया। फाइनल में उनका सामना ताजिकिस्तान के दज़खोंगिर कामोलोव से हुआ। कड़े संघर्ष के बाद ब्रिजेश टम्टा ने अपने प्रतिद्वंद्वी को परास्त कर देश का नाम रोशन किया है।
गौरतलब है कि ब्रिजेश टम्टा पिथौरागढ़ जनपद के जगतड़ निवासी हैं, उनके पिता फकीर राम एक प्राइवेट नौकरी करते हैं और मां मंजू देवी एक गृहिणी हैं। वह एशियन एकेडमी में 11वीं के छात्र है। जिला क्रीड़ा अधिकारी पिथौरागढ़ प्रताप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि ब्रिजेश ने 2014 से अपनी मुक्केबाजी शुरू की तथा खेल विभाग के अधीन प्रशिक्षण केंद्र देव सिंह मैदान में बॉक्सिंग कोच प्रकाश जंग थापा से बॉक्सिग, खेल की बारीकियां सीखी फिर भास्कर चंद्र भट्ट के साथ अपना प्रशिक्षण जारी रखा। तीन साल से वह सांई पिथौरागढ़ में निखिल महर से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
कड़ी मेहनत की वजह से वह बिहार और ईटानगर में आयोजित हुई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में बीते दो वर्षों से चैंपियन हैं और पहली अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में बृजेश ने प्रतिभाग करते हुए गोल्डन पंच जड़कर सभी के चेहरों पर गोल्डन खुशी बिखेर दी। जिसको लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, खेल प्रेमियों, बॉक्सिंग संघ के पदाधिकारियों एवं खिलाड़ियों ने बधाई दी है।
हमसे जुड़ें और अपडेट्स पाएं!
सबसे नए समाचार और अपडेट्स पाने के लिए जुड़े रहें।