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मेले हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं इस तरह के आयोजनों से संस्कृति का आभास होता है

मां के आर्शीवाद के साथ लछैर मेले का समापन, हजारों लोग बने इस क्षण के गवाह

पिथौरागढ़ – मेले हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं इस तरह के आयोजनों से संस्कृति का आभास तो होता ही है और एक नई ऊर्जा का संचार भी होता है। यह बात बतौर मुख्य अतिथि स्थानीय विधायक मयूख महर ने लछैर मेले के शुभारंभ अवसर पर कही। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र के लोगों द्वारा अनवरत आयोजन को लेकर सराहना करते हुए शुभकामनाएं दी।

लछैर मेले का शुभारंभ
लछैर मेले का शुभारंभ

मेले की अध्यक्षता कर रही जिला पंचायत अध्यक्ष दीपिका बोहरा ने कहा कि स्थानीय मेलों के आयोजन से हमें स्थानीय संस्कृति से परिचित होने मौका मिलता है। इस दौरान उन्होंने अपनी संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। मेले के शुभारंभ से पूर्व घिराली गांव से मां महाकाली को डोला उठा। मां के जयकारों के उदघोष के साथ डोला छुरमलधार दोली होते हुए लछैर महाकाली मंदिर परिसर में पहुंचा। इस दौरान सैंकड़ों भक्तों ने मां का आर्शीवाद प्राप्त किया। इन क्षणों के हजारों लोग गवाह बने। मेले के दौरान शांति व्यवस्था को लेकर मंदिर परिसर सहित मुख्य मार्ग में पुलिस कर्मी तैनात थे।

इस अवसर पर मेला समिति अध्यक्ष उमेद सिंह खनका, उपाध्यक्ष गणेश दत्त्त भट्ट, महासचिव व जिपं सदस्य मनोज कुमार, राजू थापा, शिवम गुरूंग, ललित मोहन दिगारी, कुंडल महर, मनोज कुमार, आनंद राम, हर्ष खनका, धरम सिंह, होशियार सिंह सहित कई लोग मौजूद थे।

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