राष्ट्रीय पुरस्कार में अंकित हुआ बाल साहित्यकार ललित का नाम
शुभकामनाएं : जनपद के तमाम साहित्यकारों में खुशी की लहर

पिथौरागढ़- सीमांत जनपद के रहने वाले युवा बाल साहित्यकार ललित शौर्य द्वारा बाल साहित्य के क्षेत्र में किए जा रहे सराहनीय प्रयासों के चलते उन्हें भीलवाड़ा राजस्थान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। बाल वाटिका पत्रिका के रजत जयंती समारोह में शौर्य को वैभव कालरा स्मृति युवा बाल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
शौर्य का चयन देश भर के 45 वर्ष से कम आयु के बाल साहित्यकारों में से हुआ है। वह उत्तराखंड के पहले साहित्यकार हैं जिन्हें यह पुरस्कार मिलने जा रहा है। इस पुरस्कार के लिए निर्णायक समिति के सदस्यों भैरुंलाल गर्ग, प्रकाश मनु एवं शकुंतला कालरा ने संयुक्त रूप से ललित शौर्य के नाम की घोषणा की। पुरस्कार स्वरूप ललित शौर्य को 25 हजार की धनराशि, श्रीफल, शॉल, प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया जाएगा।
गौरतलब है कि ललित शौर्य को इससे पूर्व उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा उमाकांत मालवीय युवा सम्मान, भाऊराव देवरस न्यास का प्रतिष्ठित सम्मान, हिंदी भूषण, साहित्य गौरव सहित दर्जनों पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। ललित शौर्य लंबे समय से मोबाईल नहीं पुस्तक दो अभियान चला रहे हैं।
अब तक वह विभिन्न माध्यमों से 25 हजार बच्चों तक निःशुल्क बाल साहित्य वितरित कर चुके हैं। ललित शौर्य की बाल साहित्य में दादाजी की चौपाल, स्वच्छता ही सेवा, गुलदार दगड़िया, फॉरेस्ट वॉरियर्स, गंगा के प्रहरी, बाल तंरग, परियों का संदेश, द मैजिकल ग्लब्ज, जादुई दस्ताने, स्वच्छता के सिपाही कोरोना वॉरियर्स समेत 12 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं।
शौर्य की बाल कहानियों का अनुवाद तेलगु, मलयालम, उड़िया, पंजाबी, उर्दू, अंग्रेजी, मराठी, गुजराती समेत अनेक भारतीय भाषाओं में हो चुका है। ललित शौर्य की इस उपलब्धि पर जनपद के तमाम साहित्यकारों में खुशी की लहर है। जनपद के साहित्यकारों सहित तमाम लोगों ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
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