शिव स्थली आदि कैलाश के अलौकिक दर्शन मात्र से ही मन आनंदित हो गया : पीएम मोदी
आदि कैलाश की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने मोदी

पिथौरागढ़ – उत्तराखंड में पिथौरागढ़ के पवित्र पार्वती कुंड में दर्शन और पूजन से मैंअभिभूत हूं। आदि कैलाश के अलौकिक दर्शन मात्र से ही मन आनंदित हो गया है। प्रकृति की गोद में बसी अध्यात्म और संस्कृति की इस देवस्थली से मैं अपने देश के सभी परिवारजनों के सुखमय जीवन की कामना करता हूं। यह बात आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिव स्थली आदि कैलास के दर्शन के दौरान कही। आज उन्होंने आदि कैलास की यात्रा करने के साथ ही भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में अपना नाम दर्ज करा लिया।
प्रधानमंत्री मोदी अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत सुबह 8.45 बजे हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ जनपद में ज्योलिंगकांग हेलीपैड पहुंचे। लगभग डेढ़ किमी की दूरी कार से तय करते हुए हिमालय की चोटी पर स्थित पार्वती सरोवर और शिव मंदिर पहुंचेर उन्होंने शिव अराधना और ध्यान किया। आदि कैलाश मंदिर में रं.समुदाय के लामा पुजारियों ने पौराणिक काल से प्रसिद्ध शिव.पार्वती की माटी पूजा पूरे विधि विधान के साथ संपन्न कराई। इस दौरान उन्होंने कहा कि देवभूमि के मंदिर आस्था ही नही बल्कि आर्थिकी का भी केंद्र हैं। इन मंदिरों से हजारों लोगों की आर्थिकी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़ी है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी मंदिरों को एक सर्किट के रूप में विकसित किया जा रहा है। इससे आगे की खबर………..
इस दौरान सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को आदि कैलाश और आसपास के क्षेत्र के बारे जानकारी दी। प्रधानमंत्री के भ्रमण से चीन सीमा से लगी सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही सीमा पर बसे गांव कुटी, नाबि, रोंगकांग, गुंजी, नपल्चयू, गर्व्यांग, बूंदी के ग्रामीणों में गजब उत्साह देखने को मिला।
आदि कैलाश के दर्शन करने के बाद पीएम मोदी ज्योलिंगकांग हैलीपेड से गुंजी के लिए रवाना हुए। गुंजी पहुंचने पर पीएम का रं समाज के लोगों द्वारा ढोल नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया। इस दौरान पीएम को देख उत्साहित हुए स्थानीय लोगों के मध्य बुजुर्ग महिलाओं द्वारा पीएम की सिर पर हाथ फेरकर आर्शीवाद दिया। पीएम मोदी ने छोटे से हाथ मिलकार हाल- चाल जाना। गुंजी में सेना, अद्धसैनिक बलों के जवानों मिलने के बाद पीएम जागेश्वर के लिए रवाना हुए।
गौरतलब है कि सीमांत पिथौरागढ़ जनपद में आदि कैलाश 14 हजार फुट से अधिक ऊॅचाई पर चीन और नेपाल की सीमा से सटा है और भारत की आध्यात्मिक भूमि है। आदि कैलाश के बारे में मान्यता है कि यह स्थान भगवान शिव के परिवार का निवास स्थान है। आदि कैलाश मार्ग पर मुख्य आकर्षण ओम पर्वत है। इस पर्वत पर ओम की आकृति उभरी हुई है। ओम पर्वत कैलाश यात्रा मार्ग में नावीढांग में स्थित है। ओम पर्वत को आदि कैलाश का छोटा कैलाश भी कहा जाता है।
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