हजारों श्रद्धालुओं ने की पूजा – अर्चना, 600 से अधिक जानवरों की बलि….
भगवती निंग्लाशैनी दो दिवसीय मेला संपन्न

नेपाल/झूलाघाट/ पिथौरागढ़ – पड़ोसी देश नेपाल बैतड़ी जिले के दशरथ चंद नगर पालिका दो देहमांडू के भगवती निंग्लाशैनी दो दिवसीय मेले का बीते दिवस अष्टमी को समापन हो गया। मेले में भारत और नेपाल के पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने पूजा- अर्चना की। मंदिर में 600 से अधिक छोटे-बड़े जानवरों की बलि दी गई।

नेपाल के बैतड़ी जिले में निंग्लाशैनी देवी की छह बहनों के मंदिर हैं। पहले दिन सप्तमी को छोटी जात और दूसरे दिन अष्टमी को बड़ी जात संपन्न हुई। मान्यता है कि एक ग्रामीण की गाय दुहने पर दूध नहीं दे रही थी। ग्रामीण परेशान था, एक दिन उसने गाय को खोला तो देखा गाय जंगल में जाकर निंगाल की झाडि़यों में दूध दे रही है। गुस्से में आकर उसने निंगाल की झाडि़यों को काटना शुरू किया तो झाड़ियों से खून निकलने लगा। उसने ग्रामीणों को इसके बारे में बताया। ग्रामीणों ने यहां पर निंग्लाशैनी भगवती मंदिर की स्थापना की। तब से नवरात्र में यहां पर मेेले का आयोजन हो रहा है।
सूदूरपश्चिम प्रदेश में निंग्लाशैनी मां भगवती की छह बहन और भी है जिनके नाम से मंदिर है ब़ैतडी जिले में मां रणशैनी भगवती मंदिर, मां त्रिपुरा सुन्दरी, मां डिलाशैनी, भगवती मंदिर, मां मैलोली भगवती मंदिर, डोटी जिले में मां शैलेश्वरी भगवती मंदिर, बाजुरा जिले में मां बाडीमालीका भगवती मंदिर और डडेलधुरा में मां उग्रतारा भगवती मंदिर है। निंग्लाशैनी भगवती सेवा समिति के कोषाध्यक्ष ने बताया कि निंग्लाशैनी भगवती मंदिर की जात को 68 जात भी कहा जाता है मान्यता है कि इस मन्दिर में जब तक 68 बलि के लिए जानवर नहीं आते हैं तब तक यहां पूजा अर्चना के साथ जात नहीं बनाई जाती है भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा और शान्ति व्यवस्था के लिए बैतडी पुलिस और सशस्त्र बल के जवान आदि तैनात थे।
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