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43 साल बाद शुरू हुई रामलीला को महायज्ञ के रूप मना रहे लोग

बीसाबजेड़ की रामलीला में जुट रही है भीड़

पिथौरागढ़  : जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर बीसाबजेड क्षेत्र में 43 साल बाद इस साल फिर से श्रीरामलीला मंचन प्रारंभ हो गया। खास बात यह है कि रामलीला पूरी तरह आध्यात्मिक और शास्त्रीय विधि विधान के साथ आयोजित की जा रही है। प्रतिदिन रामपूजन रामरक्षास्त्रोत के सम्पूर्ण वाचन व आवाहन के साथ महाकाव्यात्मक शैली में रामकथा मंचन किया जा रहा है। शुद्धिकरण के अन्तर्गत प्रतिदिन पंचगव्य छिड़ककर, स्थानीय देवी देवताओं का आह्वान कर लीला प्रारंभ की जा रही है। लीला से पूर्व श्रीराम दोष्टांतक, दुर्गा सप्तशती आदि का पाठ यजमानों द्वारा परंपरागत रूप में मनाया जा रहा है। राम के चरित्र की अनुरूप शुचिता एवं स्वच्छता का ध्यान रखा जाता है मंचन के दौरान फूहड एवं निरर्थक गीत नृत्यों का प्रदर्शन नही किया जा रहा है आगे पढ़े ……..

 

श्री बुद्धेश्वर रामलीला कमेटी बीसाबजेड के अध्यक्ष मोहन चंद और दीपा तिवारी ने बताया कि लंबे अंतराल के बाद आयोजित हो रही रामलीला के प्रति लोगों में गजब का उत्साह है। सीमित संसाधनों से रामलीला का आयोजन प्रारंभ किया गया लेकिन श्रद्घालुओं ने भरपूर सहयोग और समर्थन दिया है। इससे कमेटी का हौंसला बुलंद है। प्रख्यात रंगकर्मी शिक्षक डा0 सीबी जोशी इस रामलीला में अपना मार्गदर्शन दे रहे हैं।

 

प्रतिदिन स्थानीय देवी देवताओं से संबंधित कथानक और शास्त्र सम्मत जानकारी के साथ ही स्कंदपुराण, मानसखंड, श्रीमद्भागवत, रामायण के विभिन्न सन्दर्भों से लोगों को अवगत किया जा रहा है, इनमें हरेला रोपण, गौरा महेश्वर गाथा का शास्त्रीय प्रकल्प, भागवत कथा के सृष्टिखण्ड के अन्तर्गत लोक देवता, इष्ट देवताओं की उत्पत्ति का सिद्धांत , राम वैराग्य व योगवशिष्ठ के प्रसंग लोगों के लिए चर्चा के विषय बने हुए हैं। जहां एक ओर मॅझे हुए कलाकारों द्वारा शास्त्रीय संगीत आधारित गीतों के द्वारा लीला को अभिनीत किया जा रहा है वहीं भक्ति रस से पूरा स्थान सरोबार हुआ है । ठंड के बाबजूद दूर दूर से लोग लीलामृत का पान करने पहुंच रहे हैं और देर रात्रि तक रामलीला का आनन्द ले रहे हैं। आगे पढ़े ……..

 

झूलाघाट : भारतीय सीमा से सटे बैतड़ी जिले के गोठलापानी में विगत एक दशक से रामलीला का मंचन हो रहा है। हर वर्ष रामलीला मंचन में दर्शकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। नेपाल के बैतड़ी जिले के गोठलापानी में रामनाम समिति द्वारा रामलीला मंचन का शुभारंभ हो गया। रालीली देखने को भारी संख्या में दर्शक पहुंच रहे हैं। रामनाम समिति के अध्यक्ष हरीश चंद का कहना है कि नेपाल माता सीता का मायका है। जिसके चलते यहां पर रामलीला का मंचन कम ही होता है।

 

नेपाल में विजयादशमी का पर्व ध््राूमधाम के साथ मनाया जाता है। वह बताते हैं कि इसी दिन भगवान राम रावण का वध कर माता सीता को लेकर अयोध्या लौटे थे। जिसके चलते विजयादशमी को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि लगभग आठ. दस वर्ष पूर्व से गोठलापानी में रामलीला मंचन की शुरु आज की गई । भारत से लगी सीमा पर कइ्र ग्रामीण क्षेत्रों में रामलीला मंचन होने लगा है। रामलीला मंचन में राम का पात्र विजय खत्री, लक्ष्मण संजय जोशी, भरत भैरव भट्ट, शत्रुघ्न, हिमांशु खत्री, सीता सुशील खत्री, सूर्पनखा जयराज भट्ट, रावण गजेंद्र रावल, खर पुष्कर राज जोशी, दूषण गजेंद्र सिंह रावल निभा रहे हैं। वक्ता मैनेजर कविराज भट्ट, हारमोनियम में कीर्ति कुमार, तबले गोपाल भट्ट सहयोग दे रहे हैं।

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