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खुलासा : बाबा की संदिग्ध मौत मामले में दो आरोपी गिरफ्तार

बाबा का शव जंगल में मिला था, पुलिस की चार टीमें लगी थी जांच में

बाबा अलख मुनि महाराज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस ने दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया है। बागेश्वर जनपद के तहसील गरुड़ के पिंगलो क्षेत्र में बाबा का शव 26 नवंबर को अंग्यारी महादेव मंदिर से आगे जंगल में मिला था।

 

बागेश्वर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पुर्व ग्राम प्रधान ग्राम मजकोट की सूचना के आधार पर बीते 25 नवंबर को बाबा अलख मुनि महाराज बद्रीनाथ से अंग्यारी महादेव मंदिर के लिए रवाना हुए थे, लेकिन मंदिर नहीं पहुंचे। उनका सामान मंदिर गेट के पास जंगल में बिखरा हुआ मिला। सूचना के आधार पर राजस्व पुलिस ने जांच शुरू की और बाद में मामला रेगुलर पुलिस को सौंपा गया।

 

पुलिस अधीक्षक बागेश्वर चंद्रशेखर घोडके ने इस संवेदनशील मामले की जांच के लिए चार टीमों का गठन किया। गहन पूछताछ और सुराग जुटाने के बाद बाबा अर्जुन गिरी और उनके सहयोगी चालक हरेन्द्र सिंह रावत को गिरफ्तार किया गया। पुलिस की जांच के दौरान पता चला कि बाबा अलख मुनि महाराज अंग्यारी महादेव मंदिर के लिए ड्राइवर हरेन्द्र सिंह रावत के वाहन से आ रहे थे। रास्ते में उन्होंने भक्तों को प्रसाद बांटा और शराब खरीदी, जिसे उन्होंने अपने चेले अर्जुन गिरी और वाहन चालक हरेन्द्र के साथ सेवन किया।

 

मंदिर गेट पर अंधेरा होने के कारण बाबा रास्ते में फिसलकर गिर गए। अर्जुन और हरेन्द्र ने बाबा को उठाने की कोशिश की, लेकिन बाबा के गाली-गलौज करने पर उन्होंने उन्हें सहारा देना छोड़ दिया। इससे बाबा लड़खड़ाते हुए पहाड़ी से नीचे गिर गए। दोनों ने घटना की सूचना समय पर नहीं दी। गहनता से पूछताछ करने पर दोनों ने अपना जुर्म स्वीकार किया।

 

पुलिस ने अर्जुन गिरी और हरेन्द्र सिंह रावत को बैजनाथ थाना क्षेत्र के कंधार से गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर घोडके ने मामले के खुलासे के लिए गठित टीम को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है। गिरफ्तार आरोपियों में बाबा अर्जुन गिरी पुत्र किशन सिंह, निवासी मिस्सर वाला कला, डोईवालाए देहरादून (मूल निवासी करावल नगर, नई दिल्ली) उम्र 31 वर्ष और हरेन्द्र सिंह रावत पुत्र कृपाल सिंह रावत, निवासी देवरखटोरा, पोस्ट देवर, थाना व जिला चमोली, उम्र 47 वर्ष शामिल हैं।

 

मामले का खुलासा करने वाली टीम में एसओजी प्रभारी निरीक्षक सलाउद्दीन, थानाध्यक्ष बैजनाथ प्रताप सिंह नगरकोटी, उपनिरीक्षक खुशवंत सिंह व महेश चंद्र, हेड कांस्टेबल मनोज देवड़ी, कांस्टेबल इमरान खान, वीरेंद्र सिंह, नरेंद्र राणा, भुवन बोरा व संतोष राठोर और टेक्निकल टीम से चंदन कोहली शामिल थे।

 

 

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