पिथौरागढ़ : कलाकारों को उचित सम्मान व संसाधन मिलने चाहिए : देवेंद्र
संस्कार भारती के गठन सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा

संस्कार भारती के अखिल भारतीय मंचीय कला संयोजक देवेंद्र रावत ने स्थानीय सोरगढ़ किले में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कलाकारों से भेंट की तथा कलाकारों को संस्कार भारती के गठन, वर्तमान संगठनात्मक स्वरुप पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्कार भारती कला के माध्यम से समाज में राष्ट्रीयता की चेतना को जागृत करने के लिए कार्य करती है।
उन्होंने भारतीय संगीत व लोक संगीत तथा पाश्चात्य संगीत के मनोवैज्ञानिक प्रभावों पर हुए वैज्ञानिक शोध के आधार पर बताया कि भारतीय कला व संगीत मानव को परमात्मा के साथ साक्ष्यात्कार का माध्यम है। उन्होंने कलाकारों से अपेक्षा की कि वे जिस एकाग्रता से कला साधना में लगे है उसमें से कुछ ऐसे कार्यक्रम भी करें जिससे भारतीय संस्कृति का पोषण हो और भावी पीढ़ी में भारतीय संस्कृति के वैदिक स्वरुप व देशप्रेम की भावना का विकास हो।
उन्होंने संस्कार भारती के भावी स्वरुप की चर्चा करते हुए बताया कि संस्कार भारती भारतीय संस्कृति की पोषक 64 कला के विकास के लिए कार्य करेंगी। इस अवसर पर संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए संतोष साह, पूर्व प्रधानाचार्य व भाष्कर कर्नाटक, हर्षिता पुनेठा चंद, भुवन चन्द्र पाण्डेय का आभार व्यक्त किया। भाव राग ताल नाट्य अकादमी द्वारा नाट्य क्षेत्र में किये प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि कलाकारों को उचित सम्मान व संसाधन मिलने चाहिए इसके लिए सरकारों को और संवेदनशील होने की अवश्यकता है।
इस अवसर पर संस्कार भारती उत्तराखंड के प्रांतीय महामंत्री पंकज अग्रवाल, प्रांतीय सह. कोषाध्यक्ष सुशील पाठक, पिथौरागढ़ इकाई के अध्यक्ष प्रकाश चंद, उपाध्यक्ष कैलाश कुमार, सचिव सतीश जोशी, अभिलाषा समिति के निदेशक डॉ किशोर पंत, सामाजिक कार्यकर्ता भुवन पाण्डेय, सुनील उप्रेती सहित अनेक कलाकार उपस्थित थे। समापन अवसर पर अध्यक्ष प्रकाश चंद व सचिव सतीश जोशी ने उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया।
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