पिथौरागढ़ : सराहनीय : बच्चों में पढने के संस्कार विकसित करने के उद्देश्य
एसएमसी ने की शैक्षिक पहल

सीमांत जनपद पिथौरागढ के कनालीछीना विकास खण्ड के सुदूरवर्ती विद्यालय राजकीय जूनियर हाईस्कूल कमतोली की विद्यालय प्रबन्धन समिति ने एक नवाचारी कार्यक्रम की शुरुआत की है । बच्चों में पढने का संस्कार विकसित करने के उद्देश्य से पाठ्य सरोवर नामक एक अभियान की शुरुआत की है।
विद्यालय में निर्मित पाठ्य सरोवर का लोकार्पण विद्यालय प्रबन्धन समिति की अध्यक्ष सरोज भट्ट ने किया। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों में पढने की आदत एवं रुचि जाग्रत होगी। पाठ्य सरोवर हेतु आर्थिक संसाधन विद्यालय प्रबन्धन समिति ने ही जुटाये हैं। विद्यालय प्रबन्धन समिति की सचिव प्रधानाध्यापक लीला धामी के संयोजन में इस अभियान की तैयारी में लगभग तीन माह का समय लगा।
सचिव धामी ने बताया कि विद्यालय प्रबन्धन समिति ने विद्यालय में कार्यरत विज्ञान शिक्षक डा.सीबी जोशी के सामने प्रस्ताव रखा कि बच्चों के लिए विद्यालय स्तर पर पठन सामग्री का विकास किया जाय। इस प्रस्ताव पर सहर्ष स्वीकृति देते हुए वे इस कार्य में जुट गये। डा.सीबी जोशी ने शुरुआती तौर पर विषयगत दक्षताओं को दैनिक जीवन से जोडते हुए बच्चों के लिए सुलभ अनुभवों को आधार बनाकर स्थानीय परिवेश के सन्दर्भों से जोडते हुए कविता और कथा के माध्यम से विभिन्न विषयों पर पठन सामग्री विकसित की गयी है।
डा.सीबी जोशी ने पाठ्य सरोवर नाम देकर एक सरोवर जैसा आकार देकर पठन सामग्री सजाई है। इसके चारों ओर पठन सामग्री स्थापित की है। इस पाठ्यवस्तु को आकर्षक बनाया गया है ताकि बच्चे इससे जुड सकें। इस सामग्री का विषय इतिहास भूगोल, नागरिक शास्त्र, गणित विज्ञान व भाषा है। एक पृष्ठ में समेटी पाठ्य सामग्री के शीर्षक भी बच्चों को लुभाते हैं। जैसे पाहुना, गुल्लक जो देता है रुपये, गजब कहानी नियमों की आदि। इसमें गणित व विज्ञान कथाओं में स्थानीय बिम्ब व पात्र स्थापित किए हैं।
ज्ञान के स्मृति स्तर को बोधगम्य बनाने के लिए कविता व कहानी विधाओं का उपयोग किया है। डा.जोशी ने बताया कि पाठ्य सरोवर अभियान के पहले चरण में शिक्षक द्वारा संपादित विषयगत सामग्री है आगे छात्र अभिव्यक्ति को अवसर दिया जायेगा। इसमें याद करने वाली चीजों के लिए बच्चे खुद के लिए रुचिकर सामग्री तैयार करेंगे। जो विज्ञान की सात थीमें, बीजगणित ज्यामिति एवं सामाजिक विषय आधारित होगा।
विद्यालय प्रबन्धन समिति का सम्भवतः इस तरह का प्रथम प्रयास है कि किस तरह अपने ही मानवीय एवं वित्तीय संसाधनों से छात्र हित में शैक्षिक कार्यक्रम किया हो। वक्ताओं ने कहा कि पाठ्य सरोवर के रूप इस तरह का अभियान मील का पत्थर होगा। इस अवसर पर पूर्व एसएमसी अध्यक्ष प्रेमा भट्ट, उषा भट्ट, अन्जू भट्ट, रजनी देवी, प्रकाश राम, कैप्टन जगदीश भट्ट, भागीरथी देवी आदि उपस्थित थे।
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