पिथौरागढ़ : एक नाबालिग के पिता को भुगतनी पड़ी सजा
न्यायालय उठने तक की सजा और 25 हजार का जुर्माना
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एक नाबालिग पुत्र के वाहन चलाने पर पिता को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी न्यायालय ने मोटर यान अधिनियम के तहत न्यायालय के उठने तक की सजा और 25 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है । अभियोजन पक्ष के मुताबिक मो. आदिल के नाबालिग किशोर पुत्र द्वारा बीते 23 मई 2023 को वाहन चलाया जा रहा था।
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पिथौरागढ़ नगर के घंटाकरण तिराहे पर वाहन चेंकिंग के दौरान पुलिस ने वाहन को रोका औ पुलिस एसआइ ने विवेचना में किशोर के नाबालिग प्रतीत होने पर उसके पिता का फोन नंबर पूछा। किशोर ने अपने दादा का नंबर बताया। दादा ने किशोर की हाईस्कूल की अंकतालिका दिखाई जिससे किशोर के नाबालिग होने की पुष्टि हुई।
पुलिस ने किशोर के पिता आदिल के विरुद्ध मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 199 ए और 207 के तहत मामला पंजीकृत किया। आरोपित पिता ने न्यायालय में उपस्थित होकर अपनी जमानत कराई। आरोपित ने अभियोजन की कार्यवाही को गलत बताते हुए कहा कि उसने अपने नाबालिग पुत्र को वाहन चलाने के लिए नहीं दिया था।
उसकी जानकारी के बिना ही नाबालिग वाहन चलाने ले गया था। इस मामले की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्र्रेट प्रथम श्रेणी के न्यायालय में हुई। न्यायालय ने आरोपित मो. आदिल को धारा 199 ए मोटर यान अधिनियम का दोष सिद्ध करते हुए न्यायालय के उठने तक की सजा और 25 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया। अर्थदंड की धनराशि जमा नहीं करने पर दो माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
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