पिथौरागढ़ : शहर से लेकर गांव हुआ गौरा महेश्वर के जयकारों के नाम
जिलेभर में खेल, झोड़ा, चाचरी व फल फटकने सहित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन

सातूं- आठूं लोकपर्व पर शहर से लेकर गांव में गौरा महेश्वर की पूजा अर्चना और जयकारों गुंजायमान रहे। आठूं पर्व पर महेश्वर (शिव भगवान) की विधि विधान से पूजा- अर्चना कर स्थापना की गई। इससे एक रोज पूर्व मां गौरा (पार्वती) की प्रतिमा की स्थापना की गई थी।
जिला मुख्यालय के सोरगढ़ रामलीला मैदान सहित कई घरों व ग्रामीण क्षेत्रों में सोमवार को देवो के देव महादेव की महिलाओं द्वारा तैयार की गई प्रतिमा की पूजा- अर्चना के साथ स्थापना की गई। इसके उपरांत खेल, चाचरी व झोड़ा, फल फटकने व भजन कीर्तन आदि का आयोजन हुआ। जिसमें खासी संख्या लोगों की भीड़ जुटी रही।
जिला मुख्यालय में रामलीला प्रबंधकारिणी समिति के तत्वावधान में रामलीला मैदान सोरगढ़ में छह दिवसीय सांतू-आठूं महोत्सव के अवसर पर सेरा गांव के सरस्वती बालिका विद्या मंदिर की प्रधानाचार्य रेखा जोशी के नेतृत्व में सुशीला कार्की, भगवती अवस्थी, अंबिका धामी, संगीता सौन, ममता चुफाल, भारती जोशी, अंजली अधिकारी, निकिता बसेड़ा, रागनी सामंत व निशा उप्रेती द्वारा तैयार की गई महेश्वर की प्रतिमा को छोलिया नृत्य, स्कूली बच्चों की झांकी व गौरा महेश्वर के जयकारों के साथ रामलीला मैदान लाया गया।
यहां पहुंचने पर पं. नीरज जोशी द्वारा विधि विधान से पूजा- अर्चना कराकर गौरा के साथ महेश्वर की प्रतिमा को स्थापित किया गया। इस दौरान महिलाओं ने पूजा-अर्चना व भजन कीर्तन के साथ सुख, शांति व समृद्धि की कामना की। इसके उपरांत मैदान में झोड़ा,चांचरी, खेल, ठुलखेल सहित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें स्थानीय विभिन्न स्कूलों के बच्चों सहित महिला व पुरूषों ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में रामलीला कमेटी के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह महरा, दिलीप वल्दिया, नवीन भट्ट, गोविंद सिंह बिष्ट, हेमराज बिष्ट, अशोक पाटनी, पंकज जुकरिया, उमेश लाल शाह, त्रिभुवन लाल शाह, राहुल शाह, भास्कर पांडे, सूरज थापा, देवा लुंठी, आशीष पुनेठा, राजेंद्र जोशी, कवींद्र शाह, उमेश जोशी, ललित धानिक, आनंद सिंह बिष्ट, कल्लू राम आदि ने सहयोग दिया। इस अवसर पर पूर्व पलिकाध्यक्ष जगत सिंह खाती, विरेंद्र शाह ठुलघरिया, मनोज ओझा, नारायण दत्त बगौली, पदमादत्त पंत, केएस भाटिया, राजेंद्र रावत, आरएसएस के जिला प्रचारक सदानंद जोशी, लीना मेहरा आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन कै. दीवान सिंह वल्दिया व जनकवि जनार्दन उप्रेती जन्नू दा द्वारा किया गया।
इधर सातूं- आठूं पर्व जिला मुख्यालय के कई घरों में धूमधाम से मनाई गई। जीआइसी रोड़ स्थित गौरा निवास में मोहनी तिवारी, उर्मिला कोठारी व चंद्रावती मेहता, उमा कोठारी, जया तिवारी, पुष्पा ओझा, प्रभा कोठारी, खष्टी पाटनी, पुष्पा कोठारी, अनिता कोठारी, प्रेमा उप्रेती, तनूजा पाठक, तनूजा पंत, गोविंदी खड़ायत सहित अन्य महिलाओं द्वारा महेश्वर की प्रतिमा तैयार कर स्थापना की गई। पं. गंगा दत्त पंत द्वारा पूजा- अर्चना कराई गई। इसके उपरांत महिलाओं द्वारा भजन कीर्तन व खेल का आयोजन किया।
जिला मुख्यालय से सटे हुड़ेती गांव में महेश्वर की प्रतिमा तैयार कर कालसिन मंदिर से शोभा यात्रा निकालते हुए पूजा स्थल तक लाया गया। जहां विधिवत गौरा के साथ महेश्वर की प्रतिमा स्थापित की गई। इस दौरान महिलाओं ने गौरा की पूजा-अर्चना की और खेल लगाए। नगर के कई अन्य घरों में गौरा महेश्वर की प्रतिमा स्थापित कर महिलाओं द्वारा पूजा- अर्चना की गई। पाताल भुवनेश्वर में शिवसेवक नीलम भंडारी की अगुवाई में कुमाऊंनी चाचरी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कई लोग शामिल हुए। चंडाक क्षेत्र के पतलगांव में भी सातूु आठूं पर्व धूमधाम से मनाई गई। महिलाओं ने गौरा महेश्वर की पूजा अर्चना कर खेल आदि का आयोजन किया। देवलथल से लगे जिनगाल गाँव मे आठूं पर्व धूमधाम से मनाया गया, महिलाओं द्वारा पारंपरिक खेल आदि लगाकर गौरा महेश्वर का पूजन किया गया.
झूलाघाट के मजिरकांडा में सांतू आंठू पर्व धूमधाम से मनाया गया। मजिरकांडा के तल्ला मल्ला गांव की महिलाओं ने प्रसिद्ध मनमहेश बाबा के दरबार में गौरा देवी के खेल लगाकर सुख सम़ृद्धि की कामना की। मजिरकांडा मल्ली गांव में अशु्द्दी होने के कारण मल्ली गांव की बेटियों और कापड़ी परिवार ने परंपराओं को निभाते हुए गौरा पर्व मनाया। वहीं तल्ली गांव की महिलाओं ने मनमहेश बाबा के दरबार में गौरा माता को महेश्वर भगवान के साथ अपने मायके से कैलाश धाम के लिए रवाना किया।
धारचूला के ग्रामपंचायत तोली के ग्राम द्वालगांव में पारंपरिक विधि विधान से गौरा पूजन पर्व मनाया गया। द्वालगांव, ओखलढूंगा, लिस्या व इमखोला के ग्रामीण महिलाओं द्वारा गौरा महेश्वर पूजन करने के उपरांत झोड़ा, चांचरी एवम खेल के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन किया। पूजन के दौरान कई देव डांगरों में अवतरित होकर आर्शीवाद दिया। जिले के अन्य गंगोलीहाट, बेरीनाग, थल, पांखू, डीडीहाट सहित अन्य स्थानों में भी सातूं- आठूं पर्व धूमधाम से मनाया गया।
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