पिथौरागढ़ : शंकर तेरी जटाओं में बहती गंग धारा भजन में झूमते दिखे भक्त
संगीतमय महाशिवपुराण कथा जारी

क्षेत्र की सुख शांति के लिए पिथौरागढ़ के थल में रामगंगा नदी तट पर स्थित बालेश्वर मंदिर में सावन मास में शिव महापुराण ज्ञान कथा आज बुधवार को जारी रही। कथा श्रवण को मंदिर परिसर में दूर- दूर से भक्तगण पहुंचे थे। कथा के तीसरे दिवस कथावाचक आचार्य नीरज उपाध्याय ने शिवजी के पशुपति नाम की व्याख्या की और शिर्वाचन को लेकर विस्तार से जानकारी दी।
इस दौरान उन्होंने शिवलिंग की पूजा करने को पूरे संसार की पूजा करने के समान बताया। साथ ही पूजा में नैवेद्य प्रसाद तैयार करने के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा पूजन करने में सभी लिंगों में स्वंयभू शिवलिंग सर्वश्रेष्ठ और पवित्र माना गया है। संगीतमय महाशिवपुराण कथा के उपरांत भजन गायक विनोद पाठक ने खेल तुम्हारे जग से निराले ओ डमरू वाले, भोले बाबा चले रे कैलास, शंकर मेरे कब होंगे दर्शन तेरे, शंकर भोले भाले शैल बिहारी सहित कई भजनों की प्रस्तुति दी।
संगीतमय भजनों के साथ श्रद्धालु झूमते हुए नजर आए। भजनों से क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना रहा। मुख्य आरती और प्रसाद वितरण के बाद सायंकालीन बेला में गंगा आरती और देर रात तक भजन कीर्तन का कार्यक्रम प्रतिदिन जारी है।
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