पिथौरागढ़ : बीते दो दशक से डामरीकरण का इंतजार करते ग्रामीण
सड़क होने के बाद भी सात किमी.पैदल चलने को मजबूर जिप्ती और गाला के ग्रामीण

पिथौरागढ़ के सीमांत धारचूला तहसील के अंतर्गत आने वाली जिप्ती. गाला सड़क में बीते दो दशक बाद भी डामरीकरण नहीं होने से क्षेत्रवासियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क होने के बाद भी ग्रामीण सात किमी. पैदल चलने को मजबूर हैं। जिप्ती से गाला तक बनी सात किमीण् सड़क जगह.जगह क्षतिग्रस्त पड़ी है। सड़क की देखरेख का जिम्मा सीमा सड़क संगठन का है।
परेशान क्षेत्रवासी समस्या को लेकर जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया की अगुवाई में धारचूला पहुंचे। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य ने कहा कि 1500 से अधिक की आबादी के लिए बनी सड़क में सीमा सड़क संगठन सुधारीकरण के नाम अस्थायी कार्य करवा रहा है। जिन स्थानों पर सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त है उन स्थानों पर कोई काम नहीं हुआ है। चालक मार्ग में वाहन चलाने को तैयार नहीं हैं। सड़क होने के बावजूद ग्रामीण पैदल आवागमन कर रहे हैं।
क्षेत्र में इसके बाद बनी सड़कों पर डामरीकरण हो चुका है, लेकिन जिप्ती- गाला सड़क आज भी डामरीकरण के इंतजार में है। उन्होंने कहा कि सीमा सड़क संगठन सड़क की देखरेख नहीं कर पा रहा है तो इसे अविलंब राज्य की एजेंसियों को सौंपा जाये। उन्होंने आगामी 15 दिनों के भीतर सड़क की हालत में सुधार के लिए कार्रवाई नहीं होने पर क्षेत्रवासियों की महापंचायत बुलाकर अग्रिम रणनीति बनाने की बात कही है।
इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया, पूर्व ग्राम प्रधान कुंदन सिंह भंडारी, देवी दत्त उपाध्याय, टैक्सी यूनियन अध्यक्ष केसर सिंह धामी ने एसडीएम से मुलाकात की और सड़क की हालत सुधारने के लिए पहल किये जाने की मांग की। इधर उप जिलाधिकारी मंजीत सिंह ने कहा कि जिप्ती गाला.सड़क को लेकर सीमा सडक संगठन से वार्ता की गई है। इस मामले में सेना और पैरामिलेट्री अधिकारियों से भी वार्ता की जायेगी। जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी को भेजी जायेगी।

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