पिथौरागढ़ : महिला समूह बुझाएंगे जंगलों की आग
गुरना क्षेत्र के महिला समूहों व आम जनों ने वनाग्नि रोकने को लेकर जताई प्रतिबद्धता

जंगलों को आग से बचाने के लिए शनिवार को जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर गुरना में एक कार्यशाला आयोजित का आयोजन किया गया।
वन विभाग के सहयोग तथा हिमालय मस्तक फाउंडेशन के तत्वावधान में वनाग्नि रोकने और उसके प्रति जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से ग्राम पंचायत भवन गुरना में आयोजित इस कार्यशाला में बड़ी संख्या में क्षेत्रवासियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में नन्ही चौपाल के निदेशक विप्लव भट्ट ने कठपुतली शो के माध्यम से छात्र युवाओं व ग्रामीणों को वनाग्नि के खतरों से अवगत कराया। साथ ही इस गंभीर समस्या से निपटने में महिलाएं किस तरह अहम भूमिका निभा सकती हैं, इसके बारे में प्रेरणादायक संदेश दिया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से गुरना एवं डुबकिया क्षेत्र के महिला स्वयं सहायता समूहों, वन पंचायत प्रतिनिधियों और पूर्व पंचायत प्रतिनिधि ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला में समूह प्रतिनिधियों ने कहा कि जंगलों को बचाने के लिए समूह सदस्य हमेशा बढ़-चढ़कर भागीदारी करते हैं। कहा कि पहाड़ में जंगलों का सबसे गहरा रिश्ता महिलाओं के साथ है और महिलाएं ही सर्वाधिक वनों पर आश्रित हैं, इसलिए जंगलों को बचाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी महिलाओं के ऊपर है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ग्राम पंचायत गुरना की प्रशासक उषा तिवारी ने समूहों का पक्ष रखते हुए कहा कि जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग को सहयोग के लिए महिला समूह हमेशा तत्पर हैं। वनाग्नि रोकथाम अभियान के सचिव मोहित बिष्ट ने इस गंभीर मुद्दे पर जंगल, पर्यावरण और जीवन से संबंधित विभिन्न पक्ष लोगों के सामने रखे।
हिमालय मस्तक फाउंडेशन के अध्यक्ष बसंत भट्ट ने जागरूकता अभियान को आगे बढ़ाने में सहयोग करने वालों तथा डीएफओ आशुतोष सिंह और उनकी टीम के प्रयासों व सहयोग की सराहना की।कार्यक्रम में सरपंच कैलाश भट्ट, कै. उमेश तिवारी, शेखर तिवारी, प्रहलाद भण्डारी, राजेश भट्ट, दीपक चन्द, संजय सिंह मेहता, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं सहित वन विभाग के कर्मचारी मौजूद थे।
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