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आत्मसंतोष और सकारात्मक दृष्टिकोण, जीवनशैली विकारों को रोकने में सहायक : डा. शर्मा

समाज के दोनों छोरों पर जीवनशैली विकार, एक अनुभव की सीख

वर्तमान में रामकृष्ण मिशन कनखल, हरिद्वार में सेवाएं दे रहे वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ और इंटीग्रेटिव मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. सुशील शर्मा ने कोलकाता के चेतला क्षेत्र में वंचित बच्चों के साथ समय बिताने का एक हृदयस्पर्शी अनुभव साझा किया।

 

उन्होंने कहा कि जीवनशैली विकार केवल आर्थिक रूप से समृद्ध वर्ग तक सीमित नहीं हैं। ये अमीर और गरीब दोनों को समान रूप से प्रभावित करते हैं, हालांकि उनके कारण अलग हो सकते हैं। एक ओर अत्यधिक विलासिता, अनियंत्रित खानपान और शारीरिक निष्क्रियता समृद्ध वर्ग में मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग जैसे विकारों को जन्म देते हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब वर्ग में पोषण की कमी, मानसिक तनाव और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली भी समान रूप से स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनती है।

 

चेतला के बच्चों के साथ संवाद करते हुए डॉ. शर्मा ने न केवल स्वास्थ्य जागरूकता पर बात की, बल्कि उन्हें सकारात्मक जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा भी दी। उन्होंने कहा कि ये बच्चे भले ही आर्थिक अभाव में जीवन जी रहे हों, लेकिन इनके चेहरों पर मुस्कान और जीवन के प्रति उमंग किसी भी समृद्ध व्यक्ति को प्रेरणा दे सकती है। डॉ. शर्मा ने बच्चों को शारीरिक सक्रियता, संतुलित आहार और मानसिक स्वास्थ्य का महत्व समझाया। उन्होंने बताया कि आत्मसंतोष और सकारात्मक दृष्टिकोण भी जीवनशैली विकारों को रोकने में सहायक हो सकते हैं।

 

डॉ.अवनीश कुमार उपाध्याय, वरिष्ठ आयुर्वेद विशेषज्ञ ने कहा कि यह अनुभव हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि स्वास्थ्य सिर्फ शारीरिक स्थिति नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक पहलुओं का भी समावेश है। समाज के सभी वर्गों को स्वास्थ्य शिक्षा और संसाधनों तक समान पहुंच मिलनी चाहिएए जिससे जीवनशैली जनित रोगों को रोका जा सके। डॉ. सुशील शर्मा का यह प्रयास न केवल चेतला के बच्चों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाएगा, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

 

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